इस पोस्ट में हम न्यूटन का शीतलन नियम क्या है Newton law of cooling in Hindi के बारे मे जानेगे, अगर आपको न्यूटन का शीतलन, परिभाषा, सूत्र और इसे उदाहरण सहित के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस पोस्ट को पूरा पढे, तो चलिये अब न्यूटन का शीतलन नियम के बारे मे जानते है,
न्यूटन का शीतलन नियम
Newton law of cooling in Hindi
न्यूटन का शीतलन नियम के अनुसार किसी वस्तु के ठण्डे होने की दर वस्तु तथा उसके चारों ओर के माध्यम के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है। अतः वस्तु जैसे-जैसे ठण्डी होती जायेगी उसके ठण्डे होने की दर कम होती जायेगी।
उदाहरण के लिए गर्म पानी को 80°C से 70°C तक ठण्डा होने में लिया गया समय 40°C से 30°C तक ठण्डा होने में लिये गये समय की अपेक्षा बहुत कम होता है।
न्यूटन का शीतलन नियम की परिभाषा
Definition of Newton’s law of cooling in Hindi
न्यूटन के इस नियम के अनुसार किसी भी पिंड या वस्तु के ठण्डा होने की दर का मान वस्तु के ताप तथा वस्तु के चारो ओर के वातावरण के ताप में अंतर के समानुपाती होता है।
जैसा कि हम जानते है कि जब दो वस्तुओं या दो स्थानों के मध्य ताप में अंतर पाया जाता है तो ऊष्मा ऊर्जा उच्च स्तर से निम्न स्तर की ओर प्रवाहित होने लगती है।
न्यूटन का शीतलन नियम का सूत्र
Formula for Newton’s law of cooling in Hindi
इस नियम के अनुसार, किसी गर्म वस्तु या पिंड से ऊष्मा क्षति की दर, वस्तु तथा उसके वातावरण के तापों के अंतर के अनुक्रमानुपाती होती है।
चूंकि हम जानते हैं कि ऊष्मा किसी वस्तु में उच्च ताप से निम्न ताप की ओर चलती है। अतः वस्तु जैसे-जैसे ठंडी होने लगती है तो उसकी ऊष्मा हानि की दर के मान में भी कमी आ जाती है।
यदि किसी पिंड का ताप वातावरण के ताप से अधिक होता है तो ऊष्मीय ऊर्जा का वातावरण में उत्सर्जन होने लगता है। जिस कारण पिंड का ताप कम हो जाता है।
माना किसी पिंड का ताप T तथा वातावरण का ताप T0 है तो ऊष्मा हानि (क्षति) की दर
dQ\dt ∝(T – T0)
या dQ\dt =K(T – T0)
जहां K एक नियतांक है जिसका मान पिंड के क्षेत्रफल एवं उसकी प्रकृति पर निर्भर करता है।
यह नियम केवल कम तापांतर के लिए लागू होता है। अर्थात न्यूटन का शीतलन नियम किसी पिंड पर तभी लागू होता है जब उसके ताप एवं वातावरण के ताप के बीच कम अंतर हो। अगर यह अंतर अधिक पाया जाता है तो यह नियम लागू नहीं होता है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि समय के बढ़ने पर पिंड का ताप कम होता जाता है। और एक स्थिति ऐसी आती है कि पिंड का ताप वातावरण के ताप के समान (बराबर) हो जाता है। तब इस स्थिति में ऊष्मा क्षति होना रुक जाती है। चूंकि पिंड का ताप कम होकर वह ठंडा हो जाता है।
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न्यूटन का शीतलन नियम का उदहारण
Example of Newton’s law of cooling in Hindi
न्यूटन के शीतलन नियम को अब उदाहरण से समझते है, किसी गिलास मे दूध रखा है और दूध का तापमान 80 डिग्री सेल्सियस है। लेकिन दूध का गिलास जिस कमरे मे रखा है उसका तापमान 26 °C है। दूध को 80 °C से 70 °C होने मे 10 मिनट लगते है। लेकिन अब दूध को 70 °C डिग्री सेल्सियस से 60 °C होने मे 14 मिनट लगते है।
ऐसा इसलिए जब दूध का तापमान 80 °C था तब कमरे का तापमान 26 °C था और 10 मिनट के बाद दूध का तापमान 80 °C से घटकर 70 °C हो जाता है अतः दूध का 10 °C ऊष्मा कमरे के वातावरण मे चली जाती है जिसके कारण दूध को ज्यादा ठंडा होने मे अधिक समय लगता है।
अतः हम इस उदाहरण से समझ सकते है की जैसे-जैसे वस्तु और वस्तु के बाहर के वातावरण के तापमान का अंतर का होता जाता है वैसे-वैसे ऊष्मा के प्रवाहित होने मे समय अधिक लगता है।
न्यूटन का शीतलन नियम से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर
Some important questions and answers related to Newton’s law of cooling (FAQs)
प्रश्न :- न्यूटन का शीतलन नियम क्या है?
उत्तर :- न्यूटन के शीतलन नियम के अनुसार किसी वस्तु के ठंडा होने की दर उसके बाहरी वातावरण पर निर्भर करती है। न की वस्तु के तापमान पर निर्भर है। ताप मे अधिक अंतर होने पर यह नियम कार्य नही करता है।
प्रश्न :- शीतलन को कैसे मापा जाता है?
उत्तर :- न्यूटन के शीतलन नियम के अनुसार किसी वस्तु के ठंडा होने की दर उसके बाहरी वातावरण पर निर्भर करती है। न की वस्तु के तापमान पर निर्भर है। ताप मे अधिक अंतर होने पर यह नियम कार्य नही करता है।
(Q1-Q2)/t=K[Q1+Q2/2-कमरे का तापमान]
प्रश्न :- न्यूटन के शीतलन नियम की सीमाएं क्या होती है?
उत्तर :-
- वस्तु और वातावरण के तापमान मे कम से कम 30 °C का अंतर होना चाहिए।
2. ऊष्मा का ट्रांसफर विकिरण के द्वारा होना चाहिए, तभी यह नियम कार्य करता है।
प्रश्न :- न्यूटन का शीतलन नियम कब लागू होता है?
उत्तर :- न्यूटन का शीतलन नियम किसी पिंड पर तभी लागू होता है जब उसके ताप एवं वातावरण के ताप के बीच कम अंतर हो। अगर यह अंतर अधिक पाया जाता है तो यह नियम लागू नहीं होता है।
प्रश्न :- क्या न्यूटन का शीतलन का नियम ऊष्मा पर लागू होता है?
उत्तर :- न्यूटन का शीतलन का नियम वार्मिंग और कूलिंग दोनों पर लागू होता है ।
प्रश्न :- न्यूटन का शीतलन संवहन नियम क्या होता है?
उत्तर :- न्यूटन के शीतलन नियम के अनुसार किसी वस्तु के ठंडा होने की दर उसके बाहरी वातावरण पर निर्भर करती है। न की वस्तु के तापमान पर निर्भर है। ताप मे अधिक अंतर होने पर यह नियम कार्य नही करता है।
(Q1-Q2)/t=K[Q1+Q2/2-कमरे का तापमान
प्रश्न :- न्यूटन का शीतलन नियम क्या है इसका प्रायोगिक सत्यापन करें?
उत्तर :- न्यूटन का शीतलन का नियम (Newton’s law of cooling) के अनुसार, किसी पिण्ड के ऊष्मा ह्रास की दर उस पिण्ड के ताप तथा उसके चारो ओर के माध्यम के ताप के अन्तर के अनुक्रमानुपाती होता है। दूसरे शब्दों में, यह नियम कहता है कि, ‘ऊष्मा अन्तरण गुणांक’ (heat transfer coefficient) का मान नियत रहता है।
प्रश्न :- क्या न्यूटन का शीतलन का नियम सभी तापमान अंतरों के लिए अच्छा है?
उत्तर :- न्यूटन का शीतलन का नियम तभी अच्छा होता है, जब शरीर और परिवेश के तापमान का अंतर 10oC से कम हो,
तो आपको यह पोस्ट न्यूटन का शीतलन नियम परिभाषा सूत्र और उदाहरण (Newton law of cooling in Hindi) मे दी गयी जानकारी कैसा लगा कमेंट मे जरूर बताए और इस पोस्ट को लोगो के साथ शेयर भी जरूर करे,
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