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चंगेज खान का इतिहास जीवन परिचय युद्ध शासनकाल और मृत्यु | History of Changez Khan in Hindi

आज के इस पोस्ट मे चंगेज खान का इतिहास History of Changez Khan in Hindi के बारे मे जानेगे। इतिहास में कुछ लोग हमेशा याद किए जाते हैं और ये विडंबना ही है कि सबसे ज़्यादा उन लोगों को याद रखा जाता है जिन्होने विश्व में भारी तबाही मचाई, तो चलिये यहा चंगेज खान का इतिहास जीवन परिचय युद्ध शासनकाल और मृत्यु | History of Changez Khan in Hindi Changez Khan Biography Jeevan Parichay Date Of Birth, Birth Place, Father, Mother, Wife Children, Fight, Death जानेगे.

चंगेज खान का इतिहास जीवन परिचय युद्ध शासनकाल और मृत्यु की पूरी जानकारी

History of Changez Khan in Hindi

History of Changez Khan in Hindiविश्व इतिहास में तेरहवीं सदी शायद सबसे ज़्यादा ख़ूनी सदी रही होगी. यह वह सदी थी जिसमे मंगोलों का कहर चीन से लेकर रूस तक और फिर बगदाद और पोलैंड तक बरपा. आज हम एक ऐसे ही मंगोल की बात कर रहे हैं जो दुनिया का सबसे क्रूर सेनापति कहलाया. यह शख्स था चंगेज खान

चंगेज खान एक बहुत क्रूर और कुशल मगोलियाई सम्राट था जिसने अपनी युद्ध कुशलता से सन 1206 से 1227 के बीच एशिया और यूरोप के एक बड़े हिस्से को जीत लिया था। चंगेज खान का नाम सुनकर अच्छे – अच्छे सुरमाओं के पसीने छूट जाते थे। चंगेज खान और उसकी सेना जिस भी क्षेत्र से गुजरती थी, अपने पीछे बर्बादी की कई कहानियां छोड़कर चली जाती थी।

चंगेज खान एक ऐसा शासक था जिसने 1206 -1227 ई. के बीच विश्व के एक बड़े भूभाग पर अपनी विजय पताका को लहराया था जिसका क्षेत्रफल लगभग 3 करोड़ 30 लाख वर्ग किलोमीटर माना जाता है। जिन क्षेत्रों पर उसने हमला किया वहाँ के लोग उसे क्रूर मानते थे।

जबकी जहाँ का वो है वहाँ के कुछ लोग आज भी उसकी तस्वीर घर में रखते हैं। वह इतना क्रूर था कि उसने लगभग 4 करोड़ हत्याएं करवाई और इतना अय्याश था कि उसके पत्नियों की संख्या सैकड़ों से ऊपर जाकर ही ठहरती है।

सिकंदर महान, तैमूर लंग और जूलियस सीजर जैसे बड़े सेनानायक भी चंगेज ख़ान के सामने कहीं नहीं टिकते थे | कुछ लोग चंगेज ख़ान को मुस्लिम मानते हैं | लेकिन असल में वो मुस्लिम नहीं था |

निसंदेह वो इतिहास का सबसे क्रूर शासक था लेकिन उसकी युद्ध नीति और कुशल नेतृत्व उसे एक महान सेनानायक भी बनाते है, चंगेज खान, नाम से मुस्लिम लगने वाला यह शासक वास्तव में मुस्लिम नहीं था। उसका असली नाम ‘तेमुजिन‘ था। वह एक मंगोल योद्धा था तथा मंगोल भाषा में ‘तेमुजिन’ का अर्थ है ‘लौहकर्मी’। ‘चंगेज खान’ नाम एक उपाधि थी इस उपाधि का अर्थ था ‘सागर का महान शासक‘।

तो आइए जानते हैं चंगेज खान के इतिहास के बारे में –

चंगेज खान का जीवन परीचय

Changez Khan Biography in Hindi

पूरा नाम (Name) :- चंगेज खान (तेमुजिन)

जन्म (Birthday) :-  1162 ईसवी के आसपास, मंगोलिया के उत्तरी हिस्से के पास।

पिता का नाम (Father Name) :- येसुजेई बगातुर (कियात कबीले का सरदार)

विवाह (Wife Name) :- बोर्ते

मृत्यु (Death) :- 1227 ईसवी

चंगेज खान का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन

Birth and Early life of Changez Khan in Hindi

दुनिया का सबसे क्रूर सेनापति चंगेज खान 1162 ईसवी के आसपास वर्तमान मंगोलिया के उत्तरी हिस्से के स्थित ओनोन नदी के पास तेमुजिन (तेमूचिन)  के रुप में जन्मा था। चंगेज खान के पिता का नाम येसूजेई बगातुर था, जो कि कियात कबीले के सरदार थे। उसकी माता का नाम होयलन था।

ऐसा कहा जाता है कि चंगेज खान की दाईं हाथ की हथेली पर पैदाईशी खूनी धब्बा था। चंगेज खान के 4 सगे भाई -बहन थे, अनाथ होने के बाद भी चंगेज ख़ान मेहनत करता चला गया और बढ़ता चला गया। मंगोलिया में कबीलों के बीच अक्सर युद्ध होते रहते थे। कबीले के सरदार का पुत्र होने की वजह से ही वो बचपन से युद्ध की बारीकीयां सीखता रहा।

पिता की मृत्यु के बाद लगातार एक के बाद एक विपत्तियों से निपटने के लिए उसने अनेक युद्ध किए। उसका विवाह कम उम्र में कर दिया गया था। उसकी पत्नी का नाम बोरेत था। विवाह के बाद बोरेत का अपहरण कर लिया गया था। पत्नी को छुड़ाने के लिए भी उसे लड़ाई लड़नी पड़ी। जब वह मंगोलों के कबीले का सरदार घोषित हुआ तब चंगेज खान को ‘कागान’ की उपाधि दी गई थी।

चंगेज खान का बचपन

Changez Khan Childhood in Hindi

चंगेज खान का बचपन बेहद मुश्किलों में बीता था, दरअसल जब वह महज 10 साल का था जब कबीलों की लड़ाई में उसके पिता येसूजेई बगातुर की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद वह हिमम्मत नहीं हारा बल्कि पिता की मौत के बाद उसके अंदर का सारा खौफ खत्म हो गया और वह निडर तरीके से आगे बढ़ता चला गया वहीं इसके बाद उसका युद्ध कौशल निखरता गया। धीरे-धीरे उसने अपनी मजबूत संगठन शक्ति के बल पर खानाबदोश समुदायों को इकट्ठा किया और एक बड़ी शक्ति के रुप में उभरा।

बचपन से ही चंगेज खान गुस्सैल प्रकृति का था। उसने अपने भाई की हत्या सिर्फ इस बात के लिए की थी क्योंकि उसने मछली चोरी की थी। अनाथ होने के कारण उसने का बचपन से ही काफी संघर्ष किया था। कबीले के सरदार का पुत्र था इस वजह से उसने युद्ध की बहुत कलाओं और बारीकियों को भी सीख लिया था। वह यायावर प्रकृति का था। इसी वजह से वह लगातार घूमता रहा और विभिन्न देशों पर आक्रमण करता रहा।

वह अपने समय का क्रूरतम और बर्बर आक्रमणकारी शासक था। वह जिन-जिन देशों से आक्रमण कर आगे बढ़ता वहाँ अपनी बर्बरता के निशान छोड़ जाता था। ऐसा माना जाता है कि अपने पूरे जीवनकाल में उसने लगभग 4 करोड़ से अधिक हत्याएं करवाई थीं। यह संख्या हिटलर और स्टालिन द्वारा करवाए गए हत्याओं से भी बढ़कर है।

अपने शासनकाल में उसने नई लिपि ‘उईघुर लिपि’ को अपनाया। उसने मंगोल में स्वतंत्र व्यापार को बढ़ावा दिया। व्यापार को और भी सुगम बनाने के लिए और भी चुनौतियाँ थी जैसे रास्ते में होने वाली लूटपाट जिनसे निपटने के लिए भी उसने इंतजाम किए।

चंगेज खान का विवाह

Changez Khan Marriage in Hindi

अपनी क्रूरता के लिए पहचाने जाने वाले चंगेज खान की शादी 12 साल की छोटी सी उम्र में बोर्ते के साथ हुई थी। वहीं शादी के कुछ समय बाद ही उसकी बीबी का एक विद्रोही कबीले द्धारा अपहरण कर लिया गया था, जिसे छुड़ाने के लिए चंगेज खान को काफी संघर्ष और लड़ाईयां करनी पड़ी थी।

शादी के कुछ समय बाद ही एक विरोधी कबीले मरकद ने उनपर हमला कर दिया| इस हमले में वो उसके भाई और माँ बच निकालने में कामयाब रहे लेकिन उस कबीले के लोगों ने उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया |

असल में तिमुचिन के पिता ने एक विरोधी कबीले की लड़की को भगा कर चंगेज खान का उससे विवाह किया था जिसका बदला लेने के लिए उस कबीले वालों ने तिमुचिन की पत्नी को उठा लिया, तिमुचिन ने 8 महीनो तक पीछा करके अपने साथियों के साथ बोरता को छुड़ा लिया, उसे छुड़वाने के कुछ समय बाद ही उसने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम जोची था ,

तिमुचिन ने इसके बाद बहुत सी जनजातियों के साथ मेलजोल बढ़ाया और उसके पिता की हत्या करने वाले तर्तारों को ख़तम कर दिया, तिमुचिन की ताक़त लगातार बढ़ती जा रही थी, जिसे देखकर बहुत सी दूसरी जनजातियों उसके विरोध में खड़ी हो गई | तिमुचिन ने विरोध करने वाली हर आवाज़ को दबा दिया,

हालांकि इस गंभीर परिस्थिति में भी उसने अपने कुछ खास दोस्त बनाएं।  जिसमें बोघूरचू के लिए उसके दिल में विशेष स्थान था। अपने दोस्तों की  मदद से ही उसने अपने पत्नी बोर्ते को आजाद करवाया।

सगे भाई जमूका से चंगेज खान की दुश्मनी

Changez Khan enmity with real brother Jamuka in Hindi

चंगेज खान का सगा भाई जमूका उसका एक भरोसेमंद साथी था। हालांकि जमूका बाद में उसका बहुत बड़ा दुश्मन बन गया था। उसने अपने ताऊ ओंग खान (तुगरिल) के साथ मिलकर जमूका को बुरी तरह परास्त कर दिया था। जमूका को हराने के बाद उसकी सैन्य शक्ति और अधिक मजबूत हो गई थी एवं वह आत्मविश्वास से भर गया था। इसके बाद वह कबीलों के खिलाफ युद्द करने के लिए निकल पड़ा था, लेकिन इससे पहले उसने अपने पिता की मौत का बदला लिया था।

चंगेज खान के पिता की मौत का बदला

Changez Khan avenged his father’s death in Hindi

चंगेज खान जब थोड़ा सा बड़ा हुआ, तब उसने खानाबदोश जातियों को इकट्ठा किया एवं कुछ कबीलों को नष्ट कर अपने पिता येसुजेई की मौत का बदला लिया। इतिहासकारों के मुताबिक चंगेज खान के पिता को उसके ताऊ ओंग खान और शक्तिशाली तार्तार कैराईट ने बेहद दर्दनाक मौत दी थी।

जिसके बाद 1203 ईसवी में चंगेज खान ने अपने पिता के हत्यारे ओंग खान के खिलाफ युद्ध छेड़ा  था। और 1206 ईसवी में अपने सगे भाई और सबसे बड़े दुश्मन जमूका को हराने के बाद वह स्टेपी क्षेत्र का सबसे ताकतवर और शक्तिशाली योद्धा बन गया  था।

चंगेज ख़ान नाम की उपाधि

Changez Khan title in Hindi

चंगेज ख़ान अब सभी कबीलों में सबसे ताक़तवर हो चुका था, चंगेज खान की अद्भुत ताकत को देखते हुए जम्कुआ और केरियित उसके सबके बड़े दुश्मन बन गए थे। हालांकि बाद में उन्हें चंगेज खान ने मार गिराया था। वहीं 1206 ईसवी में उसके प्रभुत्व को देखते हुए मंगोलों की सभा कुरिल्ताई ने उसे अपना सरदार बना दिया था और उसे ‘कैगन (सम्राट या सरदार) या सार्वभौम शासक (विश्व सम्राट) की उपाधि दी थी। इसके साथ ही उसे महानायक भी  घोषित कर दिया गया था। जो आगे चलकर चंगेज खान के नाम से मशूहर हो गया। जहा चंगेज शब्द का अर्थ होता है समुंद्र या विशाल सागर, जो की उसने दुनिया के एक बहुत बड़े भू भाग पर अपना अधिकार कर लिया था।

चंगेज खान की विजय अभियानों की शुरुआत

Beginning of the conquests of Changez Khan in Hindi

इतिहास के अनुसार चंगेज ख़ान को दुनिया को फ़तेह करने का अपना विजय अभियान बहुत देरी से शुरू किया था | अगर उसने ये विजय अभियान जल्दी शुरू किया होता तो वो पूरी दुनिया को जीत सकता था | जब चंगेज ख़ान की उमर 51 वर्ष हुई तो उसने दुनिया का सबसे बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया था | जो कि इंग्लेंड की महारानी के साम्राज्य से थोड़ा बहुत ही कम होगा |

चंगेज़ ख़ान ने 1206 से 1227 के बीच दुनिया के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया जिसका क्षेत्रफल लगभग 3 करोड़ 30 लाख वर्ग किलोमीटर था। इतना क्षेत्रफल पूरे थल भाग का 22 प्रतिशत है और वर्तमान भारत से 10 गुणा ज्यादा।

चीन से लेकर बुखारा (उज़्बेकिस्तान), समरकंद (उज़्बेकिस्तान), रूस, अफ़गानिस्तान, ईरान, इराक, बुल्गारिया और हंगरी तक चंगेज़ ख़ान का साम्राज्य फैला हुआ था। इतना क्षेत्र आजतक कोई भी दूसरा सम्राट नही जीत सका है।

मंगोलों की सभा कुरिल्ताई का सरदार बनने के बाद चंगेज खान बेहद ताकतवर शासक  बन चुका था, जिसने अपने सैन्य और युद्ध कौशल से एक विशाल सेना तैयार की थी। कहा जाता है कि, उसकी सेना जहां से गुजरती थी, उसके पीछे तबाही की कई कहानियां छोड़ जाती थी। दुनिया के इस सबसे खूंखार दरिंदे चंगेज खान ने सबसे पहले चीन में तबाही का बेहद खौफनाक मंजर तैयार किया था।

चंगेज खान की क्रूर मंगोल सेना ने 1209 ईसवी में चीन के उत्तर -पश्चिमी प्रांत के तिब्बती मूल के सी-लिया लोग को बुरी तरह पराजित कर दिया था, इसके बाद 1215 में पेकिंग (वर्तमान बीजिंग) पर जीत हासिल कर अपना मंगोल सम्राज्य स्थापित कर लिया था और फिर उसने दक्षिण के शुंग साम्राज्य, जिसने उसकी कई लड़ाईयों में मदद की थी, बाद में उसने इसे भी तहस-नहस कर डाला था।

1234 ईसवी तक चीनी राजवंश के खिलाफ उसने जमकर विद्रोह किया। इसके बाद वह वापस मंगोलिया लौट गया था। इसके बाद चंगेज खान ने अपने विजय अभियान के साथ यूरोप की तरफ कूच किया। 1218 ईसवी में कारा खितई को हरा देने के बाद उसने ख्वारिज्म की तरफ अपना विजय अभियान को आगे बढ़ाया।

1206 से 1227 तक चंगेज खान ने चीन से लेकर समरकंद (उज्बेकिस्तान), बुखारा (उज्बेकिस्तान), मर्व, निशापुर, ओट्रार, बल्ख, हेरात और गुरगंज जैसे विश्व के कई बड़े राज्यों को जीतकर अपना मंगोल सम्राज्य स्थापित कर लिया था।

इस तरह चंगेज खान ने विश्व के करीब 3 करोड़, 30 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल पर राज करने वाला सबसे पहला शासक बन गया था। चंगेज खान के बाद आज तक कोई भी शासक विश्व के इतने बड़े क्षेत्र में अपना शासन नहीं कर सका।

चंगेज खान का युद्ध कौशल और सफलता का रहस्य

Changez Khan’s Combat Skills and Secret of Success in Hindi

दुनिया का सबसे क्रूर सेनापति चंगेज खान अपने युद्ध कौशल के लिए जाना जाता था, वो जिस राज्य में भी अपना सम्राज्य स्थापित करना चाहता था, अद्भुत युद्ध कौशल की वजह वो उसे जीत लेता था। दरअसल चंगेज खान बेहद होश्यारी और सावधानी पूर्वक अपनी लड़ाईयां लड़ता था। वह अपने सैनिकों को खास ट्रेनिंग देता था।

चंगेज ख़ान ने दुनिया को जीतने के लिए जो सेना बनाई थी उसकी संख्या बहुत ज़्यादा नहीं थी. लेकिन उसके पास जो भी सैनिक थे वो बहुत ही अनुशाशित थे. चंगेज ख़ान प्रतिभा की बहुत कदर करता था, सेना में वो अपने पुराने दुश्मनो को भी उनकी क़ाबलियत के आधार पर तरक्की देता था. चंगेज ख़ान जिस भी प्रदेश पर कब्जा करता था वहाँ जमकर लूट मचाता था. लूट का पूरा माल वो अपने सैनिकों में बाँट देता था. लेकिन वो जीते हुए प्रदेशों के सैनिकों को अपनी सेना में मिला लेता था | जिससे उसके पास नये लड़ाकों की फौज हमेशा तैयार रहती थी |

उसने अपनी सेना को संगठित और हमेशा तैयार बनाए रखने के लिए शिकार का खेल खेलने का नियम बनाया था | जिससे उसके सैनिक तीर कमान चलाने में अभ्यस्त हो जाएँ और वो इसमें व्यस्त भी रहें | चंगेज ख़ान के सफल युध अभियानो का कारण उसकी सेना के फुर्तीले सिपाही, अच्छे तीरन्दाज़, घुड़सवार और आग के गोले थे |

वहीं उस समय युद्द में तेजी के लिए घोड़ों का इस्तेमाल होता था, इसलिए वह अपने सभी घोड़ों को भी युद्द के लिए तैयार रखता था। आपको बता दें कि अगर युद्ध में उसके किसी सैनिक का घोड़ा मर जाता था, तो वह फौरन दूसरा घोड़ा अपने सैनिक के पास भेजता था। अपनी क्रूरता के लिए मशहूर मंगोल शासक चंगेज खान ने कई ऐसी लड़ाईयां भी लड़ीं जिसमें उसका सैन्य बल, विरोधी की सेना से कम था, लेकिन उसके बेहतरीन संगठन शक्ति और अनुशासन की वजह से चंगेज खान की सेना की ही ज्यादातर जीत होती थी।

वहीं कई इतिहासकार, विश्व के सबसे ज्यादा हिस्सों पर राज करने वाला निर्दयी सुल्तान चंगेज खान की सफलता का श्रेय उसकी सेना की चपलता को भी मानते है, उसकी सेना का सिर्फ एक ही मकसद पूरी दुनिया को जीतना था। इसके अलवा उसके बेहतरीन घुड़सवार, युद्ध में आग के गोलों के इस्तेमाल से भी उसकी सफलता की राहें आसान हो गईं।

वहीं जो सम्राट चंगेज खान के कहने पर टैक्स देने को तैयार हो जाते थे, उन शासकों को चंगेज खान नुकसान नहीं पहुंचाता था। वहीं उसने जितने भी प्रांतों पर मंगोल सम्राज्य स्थापित किया था, उसने उन प्रांतों की जिम्मेदारी भरोसेमंद, अनुशासित और काबिल व्यक्तियों को सौंपी थी। यह भी उसके विश्व के इतने बड़े हिस्से पर राज करने की प्रमुख वजहों में से एक थी।

दुनिया का सबसे क्रूर शासक चंगेज खान

Changez Khan the most cruel ruler of the world in Hindi

चंगेज खान को विश्व के सबसे बर्बर और क्रूर सेनापति इसलिए कहा जाता है, क्योंकि वह जिन क्षेत्रों से गुजरता था, वहां के शहर के शहर तहस-नहस कर देता था, और बर्बरतापूर्वक मासूम बच्चों, युवाओं और महिलाओं को जान से मार देता था। इतिहास में उसकी क्रूरता के किस्से रौंगटे खड़े कर देने वाले हैं।

चंगेज ख़ान इतना क्रूर शासक था, जिसने दुनिया को जीतने के अभियान में उसने दुनिया की उस समय की आबादी का 11 फीसदी ख़तम कर दिया था. इतने बड़ी संख्या में लोगों के किसी इंसान के द्वारा मारे जाने की ये इतिहास की एकलौती घटना है. अपने जीवन काल में उसने लगभग 4 करोड़ लोगों को मौत के घाट उतार दिया था | वो जिस भी जगह जाता वहाँ खोपड़ियों की मीनारें खड़ी कर देता था. उसका साम्राज्य 3 करोड़ वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ था जो कि पूरी पृथ्वी के भू भाग का लगभग 22% था |

ईरान में अपने विजय अभियान के दौरान उसने वहां की करीब 75 फीसदी आबादी की जान ले ली थी। उसने लाशों और तबाहीं का ऐसा मंजर खड़ा किया था, जिसकी शायद ही कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। चंगेज खान ने निर्दयतापूर्ण उज्बेकिस्तान के सबसे बड़े शहर बुखारा और समरकंद को जला दिया था, वहीं उसके इस कुकर्म से हजारों लोग जिंदा ही जलकर राख में मिल गए थे।

चंगेज खान की बर्बरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने ईरान की तीन चौथाई आबादी का समूल खात्मा कर दिया था। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि चंगेज के हमले के समय जितनी आबादी पूरे ईरान की थी, उतनी आबादी वापस होने में 750 सालों का  लंबा समय लगा। ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि चंगेज खान कितना क्रूर और निर्दयी था। एक अनुमान के मुताबिक उसने 4 करोड़ लोगों को मौत के घाट उतार दिया।

उसकी बेपनाह बर्बरता को देखकर लोग खौफ में जीने लगे थे, वहीं लाखों महिलाओं को भी उसकी निर्दयता का शिकार होना पड़ा था। दुर्दान्त चंगेज खान ने लाखों महिलाओं का बलात्कार और शोषण किया था। पूरे विश्व में उसका इतना खौफ था कि उसका नाम सुनकर भी लोग सहम उठते थे।

हालांकि भारत संभवत उसके इस विनाशकारी विजय अभियान से बच गया था, वो भारत में आना चाहता था लेकिन अपनी बीमारी और दिल्ली के सुल्तान इल्तुततमिश के हर मानने के कारण वो पीछे हट गया और भारत एक बड़े विनाश से बच गया.

चंगेज खान ने भारत पर आक्रमण क्यों नहीं किया

Why did Changez Khan not invade India in Hindi

इतिहासकारों के मुताबिक दुनिया का सबसे बर्बर शासक चंगेज खान पहले भारत को रौंदते हुए असम के रास्ते मंगोलिया वापस जाना चाहता था, लेकिन इल्तुततमिश के हार मानने और भीषण गर्मी और अपनी बीमारी की वजह से वह भारत आते-आते वापस लौट गया। और इस तरह भारत दुर्दान्त चंगेज खान की बर्बरता और भयानक बर्बादी से बच गया।

चंगेज खान भारत की ओर बढ़ा ज़रूर था पर कभी आक्रमण नहीं किया था। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि इतना शक्तिशाली शासक जो जिस देश पर चाहता उसपर कब्जा कर सकता था उसने भारत पर आक्रमण क्यों नहीं किया? उसने अपने विजय रथ को गजनी और पेशावर तक पहुँचा दिया था। गजनी जो वर्तमान का अफगानिस्तान तथा पेशावर वर्तमान का पाकिस्तान है। उस वक्त वहाँ का शासक ख्वारिज्म वंश का शासक अलाउद्दीन मोहम्मद था। चंगेच खान ने उसे कैस्पियन सागर की ओर भगा दिया था।

उसका उत्तराधिकारी हुआ जलालुद्दीन मंगवर्नी जो भागकर भारत आ गया।चंगेज खान ने उसका पीछा सिंधु नदी तक किया। उस वक्त दिल्ली में इल्तुतमिश का शासन था। मंगवर्नी ने इल्तुतमिश से सहायता माँगी पर इल्तुतमिश को चंगेज खान की शक्तियों का ज्ञान था इसलिए उसने मंगवर्नी की सहायता को राजी नहीं हुआ। चंगेज खान की योजना थी कि वह सिंधु नदी को पार कर भारत पर आक्रमण करते हुए असम के रास्ते मंगोलिया की ओर प्रस्थान करेगा।

परन्तु ऐसा संभव न हो सका। सिंधु नदी के उस तरफ भौगोलिक स्थितियों की वजह से वह काफी गर्म था। इस तरह अत्यधिक गर्मी, प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह एक कारण बना कि वह वहीं से लौट गया। साथ ही उस वक्त शासकों के साथ शकुन-अपशकुन विचारक भी होते थे। चंगेज खान के विचारकों को अपशकुन की आशा थी अतः वह वहाँ से वापस हो गया। पर लौटने से पहले उसने जलालुद्दीन मंगवर्नी के लिए अपनी सेना की एक टुकड़ी वहीं छोड़ दी थी।

अंत में हम यह सोचते हैं कि कि इतने बड़े शासक के निशान या उसका मकबरा तलाश किया गया होगा?उसकी कोई तस्वीर होगी? तो सबसे खास बात यह कि आज किसी भी इतिहासकार के पास यह प्रमाण नहीं है कि चंगेज खान दिखने में कैसा था। न तो कोई तस्वीर है और न ही कोई पेंटिंग। इतिहासकारों को कुछ सिक्के अवश्य प्राप्त हुए हैं जिनमें उसकी तस्वीर होती पर वह भी अस्पष्ट ही रहे।

सबसे खास बात की चंगेज खान जैसे बड़े शासक का मकबरा कहाँ है यह भी आजतक नहीं पता चल सका है। हालाँकि उस बड़े शासक की याद में एक मकबरेनुमा इमारत अवश्य बनाई गई है पर वास्तविक मकबरा आज भी अज्ञात है। इसका कारण यह माना जाता है कि चंगेज खान कि इच्छा नहीं थी कि कोई उसके मकबरा को जाने इसलिए कहा जाता है कि उसके साथियों ने उसके मरने के बाद उसके मकबरे वाले क्षेत्र में दफनाने के बाद हजार घोड़ों को दौड़ाकर जमीन को बराबर कर दिया था। साथ ही मंगोलिया में यह माना जाता है कि अगर उसकी कब्र मिलेगी तो यह उनके लिए सही शकुन नहीं होगा।

चंगेज ख़ान का धर्म

Changez Khan religion in Hindi

‘चंगेज़‘ नाम के साथ ‘ख़ान‘ लगा होने की वजह से अधिकतर लोग यह मान लेते है कि वह मुसलमान था, जब कि ऐसा नही है। चंगेज़ ख़ान का असली नाम ‘तेमुजिन‘ था।

चंगेज खान के धर्म के विषय में अनेक मतभेद हैं। उसके शासनकाल में धर्म को लेकर कभी विवाद नहीं हुए। न ही उसने किसी एक धर्म को संरक्षण दिया। उसके राज्य में धार्मिक सहिष्णुता थी। चंगेज खान स्वयं करें तेंग्रीस धर्म का था (तेंग्री मंगोलो के मुख्य देवता थे) पर बाद में उसने अन्य धर्मों के लोगों और धर्मगुरुओं से भी मिला जैसे बौद्ध, इस्लाम और इसाई धर्म आदि। चंगेज खान 1214 में ज़ेन बौद्ध भिक्षु हय्युन से भी मिला था। इसके अलावा वह ताओइस्म के गुरु कू चूज़ी ( qiu chuji) से भी प्रभावित था। यानि चंगेज खान सभी धर्मों के अनुयायी थे। चंगेज खान अपने जीवन में किसी धर्म या धर्म को नहीं अपनाया, लेकिन कुछ इतिहासकार उन्हें बौद्ध धर्म का अनुयायी कहते हैं।

चंगेज खान की मृत्यु

Changez Khan Death in Hindi

दुनिया का सबसे खौफनाक शासक चंगेज खान की 1227 ईसवी में मृत्यु हो गई और उसकी मृत्यु को लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं। हालांकि कुछ इतिहासकारों का कहना है कि चंगेज खान की मौत घोड़े से गिरने की वजह से हुई थी। वहीं चंगेज खान के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि वे चाहते थे कि मरने के बाद किसी को उसकी कब्र के बारे में पता नहीं चले, इसलिए उसकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए उसके शव को दफनाने गए सभी सैनिकों को मार दिया गया गया था।

चंगेज़ खान का मकबरा

Changez Khan Tomb in Hindi

चंगेज़ खान जिस मंगोलियाई संस्कृति से आता है उसमें व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसे दफ़नाने का रिवाज है।चंगेज़ खान के कबीले के रिवाज के अनुसार किसी व्यक्ति को दफनाकर उसके मक़बरे का कोई निशान नहीं छोड़ा जाता। चंगेज़ ने भी इसी रिवाज का पालन किया।

उसने तो अपने सैनिकों से यह कहा दिया कि उसकी मृत्यु के बाद उसे एक गुमनाम जगह पर दफना दिया जाए और उसकी शवयात्रा देखने वाले हर इंसान को मौत के घाट उतार दिया जाए। इस कारण से 1227 में उसकी मौत के बाद से अब तक कोई भी चंगेज़ खान के मक़बरे की स्थिती के बारे में नहीं जानता है।

चंगेज़ खान के मक़बरे को ढूंढने की बहुत कोशिश की गई। लेकिन कोई भी ठोस सफलता हासिल नहीं हुई।  मंगोलिया के विशाल क्षेत्रफल के कारण कुछ लोगों की सहायता से खान के मकबरे को ढूंढना बेहद ही मुश्किल है। इसलिए हाल ही में 10,000 वालंटियरों की सहायता से चंगेज़ खान की संभावित कब्रगाह वाले विशाल स्थान की 84,000 सेटेलाइट तस्वीरें ली गई।

इतने डाटा को जांचने के बाद खोजकर्ताओं की निगाह एक वर्गाकार ढांचे पर जा टिकी, जो खान के समय के मकबरों की तरह बना हुआ है। कुछ लोगों के अनुसार यह ढांचा खान का मकबरा हो सकता है। पर इस बात के लिए अब तक कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है। इसके सिवाए यह इलाक़ा एक ऐसे एरिया में हैं, जहां बाहरी लोगों का जाना मना है।

चंगेज़ ख़ान का उत्तराधिकारी

Genghis Khan successor in Hindi

चंगेज़ खां की मृत्यु के बाद उसके लड़के ओगताई ने मंगोल साम्राज्य की गद्दी संभाली। चंगेज़ खान के मुकाबले वह दयावान और शांतिप्रिय था। वह कहा करता था- ‘हमारे कागन चंगेज़ ने बड़ी मेहनत से हमारे शाही ख़ानदान को बनाया है। अब समय आ गया है कि हम अपने लोगों को शांति दें’। चंगेज़ ख़ाँ के मरने के बाद भी उसका साम्राज्य 200 साल तक टिका रहा।

वासना का भूखा चंगेज़ ख़ान

चंगेज खान जिस भी क्षेत्र को जीतता था उसके पराजित योद्धाओं की पत्नियों और बेटियों की नंगन परेड़ कराता था। वह उन स्त्रियों का चयन करता था जिसके साथ उसे हमबिस्तर होना होता था।

महिलाओं को वह उनकी छोटी नाक, गोल नितंब, लंबे रेशमी बाल, लाल होंठ और मधुर आवाज़ से पसंद करता था। बाकी बची स्त्रियों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों और सेनापतियों की छावनियों में भेज देता था।

चंगेज़ ख़ान के 1.6 करोड़ वंशज

16 million descendants of Genghis Khan in Hindi

चंगेज खान इतिहास में सबसे जालिम, क्रूर और निर्दयी शासक के रुप में मशहूर हुआ जिसने दुनिया के कई हिस्सों में बर्बरतापूर्ण अपना सम्राज्य स्थापित किया था और कई बड़े शहरों को तहस-नहस कर एक बड़ी आबादी का सफाया किया था एवं तबाही और मौत का भयावह मंजर खड़ा किया था। जिसमे चंगेज़ ख़ान की कई पत्नियां थी। इतिहासकारों के अनुसार चंगेज़ ख़ान हज़ारों का नही तो कम से कम सैंकड़ो बच्चों का बाप था।

रूस की एक एकेडमी ने मंगोलिया के सीमाई क्षेत्र में रहने वाली जनसंख्या के टिश्शूओं के नमूनों की जांच में पाया कि आज भी चंगेज़ के 1 करोड़ 60 लाख पुरूष वंशज जीवित हैं। अगर महिला वंश्जों को भी इसमें जोड़ लिया जाए तो यह संख्या दूगनी हो जाएगी। इसका मतलब है कि पृथ्वी पर लगभग 3 करोड़ लोग ऐसे है जिनके दादा के दादा के दादा . . . . और नानी की नानी की नानी . . . . का पिता चंगेज़ ख़ान था।

बीबीसी हिन्दी की एक रिपोर्ट की माने तो कुछ वर्ष पहले हुई एक रिसर्च में पता चला था की पूर्व मंगोलियाई साम्राज्य की सीमा में रहने वाले 8% पुरुषों के वाई क्रोमोसोम में एक निशान है जिससे पता चलता है की वो चंगेज ख़ान के वंश से संबंध रखते हैं,

इसी रिसर्च से ये निष्कर्ष भी निकाला गया की दुनिया के 1 करोड़ 60 लाख पुरुष जो की दुनिया की आबादी का 0.5% है, चंगेज ख़ान से संबंध रखते हैं |

तो कैसे इतने बच्चे पैदा किए थे इस शासक ने, असल में चंगेज ख़ान ने बहुत सी शादियाँ की थी. उसके 200 से अधिक बेटे थे | जिन्होने आगे बहुत से बेटे पैदा किए और उनके द्वारा बनाए गये हरमो में भी बहुत से बच्चे पैदा हुए | इस तरह उसके बच्चे, बच्चो के बच्चों से उसका खानदान बड़ा होता गया,

निष्कर्ष –

चंगेज खान की क्रूरता के किस्से सुनकर आज भी लोगों की रुंह कांप उठती है। 41 साल की उम्र में चंगेज खान ने अपने विजय अभियान की शुरुआत की और अपनी मजबूत संगठन शक्ति और ताकत से दुनिया के ज्यातर हिस्सों में राज किया। चंगेज खान भले ही इतिहास का सबसे दुर्दान्त शासक था।

लेकिन उसके सैन्य -युद्ध कुशलता, समझदारी, अनुशासन,काम के प्रति ईमानदारी, निष्ठा और मजबूत संगठन शक्ति की वजह से वह अपने मंगोल सम्राज्य को दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में स्थापित करने में कामयाब हो सका था।

तैमूर और गज़नवी को महान बताने वाले अरब और ईरानी लेखकों की नज़र में चंगेज़ खाँ एक दानव था। इसमें कोई शक नही कि चंगेज़ खाँ एक जालिम शासक था। पर उस समय के दूसरे शासकों और उसमें कोई ज्यादा अंतर नही था। भारत में मुस्लिम बादशाह यही कुछ करते थे।

गौर करने वाली बात यह है कि जहां चंद्रगुप्त, सिकंदर और अकबर जैसे राजाओं ने प्रदेशों को जीतने का काम जवानी में पूरा किया था वहीं चंगेज़ ख़ान ने 41 वर्ष की आयु में अपने विजयी अभियान की शुरूआत की। इससे हम निष्कर्ष निकाल सकते है कि चंगेज़ खाँ ने जवानी के जोश में एशिया को नही रौंद डाला। वह अधेड़ उम्र का एक होशियार और सावधान आदमी था और हर काम को हाथ में लेने से पहले उस पर विचार कर तैयारी कर लेता था।

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