आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे संवहन क्या होता है What is convection in Hindi के बारे मे, अगर आपको संवहन, संवहन की परिभाषा, संवहन का उदाहरण, संवहित ताप संचार के प्रकार, संवहन धारा सिद्धांत, संवहन विधि क्या है और संवहन का उपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस पोस्ट को पूरा पढे, तो चलिये अब धातुओं के रासायनिक गुण के बारे मे जानते है
संवहन क्या होता है
Convection in Hindi
किसी पदार्थ के एक भाग से दूसरे में अणुओं के जाने से हुए ताप ऊर्जा के संचार को संवाहन कहते हैं। तरल की गति के बढ़ने के साथ-साथ संवाहित ताप संचार भी बढ़ता है। द्रव के परिमाण में गति की उपस्थिति ठोस सतह और तरल के बीच ताप के संचार को बढ़ावा देती है।
संवहन की परिभाषा क्या है
Definition of convection in Hindi
यह ऊष्मा के स्थानान्तरण या संचरण की एक विधि है किसी तरल पदार्थ (गैस, द्रव या प्लाज्मा) में अणुओं के समग्र स्थानान्तरण द्वारा ऊष्मा का लेन-देन होता है। ठोसों में संवहन सम्भव नही है किन्तु तरल पदार्थों में संवहन ऊष्मा के अन्तरण की एक मुख्य विधि है।
संवहन का उदाहरण
Example of convection in Hindi
जब हम एक बीकर में जल लेकर उसे नीचे से गरम करते हैं, तो बीकर की तली का पानी पहले गरम होता है जिससे इसका घनत्व कम हो जाता है। घनत्व कम हो जाने के कारण (या प्रसार के कारण) यह जल ऊपर उठता है तथा उसका स्थान लेने के लिए ऊपर से ठण्डा जल (अधिक घनत्व के कारण) नीचे आता है। फिर वह भी ऊष्मा लेकर तथा गरम होकर ऊपर उठ जाता है और उसका स्थान पुनः ऊपर से आकर ठण्डा जल ले लेता है।
इस प्रकार, सम्पूर्ण जल में संवहन धाराएं प्रवाहित होने लगती हैं जिससे ऊष्मा, जल के विभिन्न भागों में पहुंचकर सम्पूर्ण जल को गरम कर देती है।
संवहित ताप संचार के प्रकार
Types of Convection Heat Transmission in Hindi
संवहित ताप संचार के दो प्रकार होते हैं:
प्राकृतिक संवहन
Natural convection in Hindi
जब तरल की गति तरल के तापमान में परिवर्तनों के कारण हुए घनत्व के बदलावों के परिणाम स्वरूप उत्पन्न उत्प्लावन बलों के कारण होती है। उदा.किसी बाह्य स्रोत की अनुपस्थिति में, जब तरल का पिंड किसी गर्म सतह से संपर्क में आता है, तो उसके अणु अलग होकर फैल जाते हैं जिससे तरल के पिंड का घनत्व कम हो जाता है। जब ऐसा होता है, तब तरल ऊर्ध्व या क्षितिज के समानांतर विस्थापित हो जाता है जबकि अधिक ठंडा तरल अधिक घना हो जाता है और तरल डूब जाता है। इस तरह से अधिक गर्म आयतन उस तरल के अधिक ठंडे आयतन की ओर ताप का संचार करता है।
बलपूर्वक संवहन
Coercive convection in Hindi
जब कोई तरल किसी बाह्य स्रोत जैसे पंखों या पम्पों द्वारा सतह पर बलपूर्वक प्रवाहित किया जाता है जिससे कृत्रिम संवाहक धारा उत्पन्न होती है।
संवाहन को आंतरिक और बाह्य प्रवाह के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है। आंतर्क प्रवाह तब होता है जब तरल किसी ठोस दायरे में बंद हो जैसे किसी पाइप में होने वाला प्रवाह. बाह्य प्रवाह तब होता है जब कोई तरल बिना किसी ठोस सतह से संपर्क में आए अनिश्चित काल तक फैलता जाता है। ये दोनो संवाहन, चाहे वे प्राकृतिक हों या बलात्, आंतरिक या बाह्य हो सकते हैं क्यौंकि वे एक दूसरे से स्वतंत्र होते हैं।
संवहन धारा सिद्धांत क्या है
Convectional Current Theory in Hindi
संवहन-धारा सिद्धान्त (Convectional Current Theory):- 1928 ई0 में आर्थर होम्स ने बताया कि पृथ्वी के आन्तरिक भाग में रेडियोधर्मी तत्वों से निकली गर्मी से उर्ध्वाधर (लम्बवत रूप में) संवहन धाराएं उत्पन्न होती है जो भू प्लेटों को गति प्रदान करती है।
संवहन विधि क्या है
Convection method in Hindi
ऊष्मा के स्थानान्तरण या संचरण की एक विधि है किसी तरल पदार्थ (गैस, द्रव या प्लाज्मा) में अणुओं के समग्र स्थानान्तरण द्वारा ऊष्मा का लेन-देन होता है। ठोसों में संवहन सम्भव नही है किन्तु तरल पदार्थों में संवहन ऊष्मा के अन्तरण की एक मुख्य विधि है।
संवहन का उपयोग
Use of convection in Hindi
संवहन का उपयोग |
रेफ्रिजरेटर में फ्रीजर पेटिका को ऊपर रखा जाता है। जिससे कि फ्रीजर पेटिका के नीचे का शेष स्थान संवहन धाराओं द्वारा ठण्डा बना रहे। इसका कारण यह है, कि नीचे की गरम वायु हल्की होने के कारण ऊपर उठती है तथा फ्रीजर पेटिका से टकराकर ठण्डी हो जाती है। ऊपर की ठण्डी वायु भारी होने के कारण नीचे आती है तथा रेफ्रिजरेटर में इस स्थान में रखी वस्तुओं जैसे—पानी की बोतल, साग-सब्जी, आदि से टकराकर उन्हें ठण्डा कर देती है। |
समुद्री हवाएं तथा स्थली हवाएं: दिन के समय सूर्य की गर्मी से जल की अपेक्षा थल जल्दी गरम हो जाता है जिससे थल के सम्पर्क की हवाएं ऊपर उठती हैं तथा उनका स्थान लेने के लिए समुद्र की ओर से ठण्डी हवाएं थल की ओर बहने लगती हैं। इन हवाओं को ‘समुद्री हवाएं’ (Sea breeze) कहते हैं। |
रात के समय थल, जल की अपेक्षा जल्दी ठण्डा हो जाता है। इसलिए समुद्र के जल से सम्पर्क की गरम हवाएं ऊपर उठती हैं तथा इनका स्थान लेने के लिए थल से समुद्र की ओर हवाएं चलने लगती है। इन्हें ‘स्थली हवाएं’ (Land breeze) कहते हैं। |
बिजली के बल्बों में निष्क्रिय गैसों का भरा जाना: बिजली के बल्बों में निर्वात के स्थान पर निष्क्रिय गैसें, जैसे—आर्गन, आदि भरी जाती है। इसका कारण यह है, कि बल्ब के अन्दर निर्वात होने पर तन्तु के चलने पर उत्पन्न ऊष्मा से तन्तु का ताप इतना बढ़ सकता है, कि तन्तु पिघल जाए। लेकिन बल्ब में निष्क्रिय गैस भरने से तन्तु की ऊष्मा संवहन धाराओं द्वारा चारों ओर फैल जाती है जिससे तन्तु का ताप उसके गलनांक तक नहीं बढ़ पाता है। निष्क्रिय गैस होने से वह तन्तु के पदार्थ के साथ कोई रासायनिक क्रिया भी नहीं करती है। यदि वायु भर दी जाए तो उसके अन्दर की ऑक्सीजन तन्तु की धातु से क्रिया करके उसे ऑक्साइड में बदल देगी और तन्तु का चमकना बन्द हो जाएगा। |
संवहन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर
Some important questions related to convection and their answers (FAQs)
प्रश्न :- संवहन क्या है?
उत्तर :- ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमें ऊष्मा स्थानान्तरण , द्रव्य कणों के डायरेक्ट गति से एक स्थान से दुसरे स्थान तक होता है , संवहन कहलाता है।
प्रश्न :- संवहन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :- संवहन तीन प्रकार के होते हैं – अरीय, संयुक्त तथा संकेन्द्री।
प्रश्न :- द्रवों में ऊष्मा का संचरण कैसे होता है?
उत्तर :- संवहन तब होता है जब तरल या गैस के गर्म क्षेत्र तरल या गैस में कूलर क्षेत्रों तक बढ़ जाते हैं। जैसा कि ऐसा होता है, कूलर तरल या गैस गर्म क्षेत्रों की जगह लेता है जो अधिक बढ़ गए हैं। इस चक्र के परिणामस्वरूप एक निरंतर परिसंचरण पैटर्न होता है और गर्मी को ठंडे क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाता है।
प्रश्न :- संवहन चक्र क्या है?
उत्तर :- तरल पदार्थों (द्रव अथवा गैस) में ऊष्मा का संचरण मुख्यतः संवहन द्वारा होता है। ठोसों में संवहन द्वारा ऊष्मा संचरण सम्भव नहीं है। इस विधि में तरल के कण गरम भाग से ऊष्मा लेकर स्वयं हल्के होकर ऊपर उठते हैं तथा ठण्डे भाग की ओर जाते हैं।
प्रश्न :- संवहनी ऊतक क्या है?
उत्तर :- तरल पदार्थों (द्रव अथवा गैस) में ऊष्मा का संचरण मुख्यतः संवहन द्वारा होता है। ठोसों में संवहन द्वारा ऊष्मा संचरण सम्भव नहीं है। इस विधि में तरल के कण गरम भाग से ऊष्मा लेकर स्वयं हल्के होकर ऊपर उठते हैं तथा ठण्डे भाग की ओर जाते हैं।
प्रश्न :- संवहन ऊतक किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :- दारु या जाइलम (xylem) पौधों में पाये जाने वाले दो संवहन ऊतको में से एक है (दूसरा संवहन ऊतक फ्लोएम है)। जाइलम एक ऐसा जटिल स्थाई ऊतक है जो संवहन बंडल के अन्दर पाया जाता है।
प्रश्न :- संवहन ऊतक कौन कौन से है?
उत्तर :- जाइलम तथा फ्लोएम ऐसे ऊतक हैं जो जल, खनिज लवण तथा पौधों द्वारा बनाए गए भोजन को पौधों के विभिन्न भागों में पहुंचाते हैं। इन्हें संवहन ऊतक कहते हैं।
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