आज के इस पोस्ट मे घर्षण बल क्या होता है परिभाषा प्रकार इससे लाभ और हानि Friction Force in Hindi के बारे मे जानेगे।
घर्षण बल
Friction force in Hindi
जब किसी पिंड को अन्य पिंड पर गतिमान किया जाता है या गतिमान करने का प्रयास किया जाता है तब उनके संपर्क तलो के मध्य उपस्थित वह बल जो उनकी एक दूसरे के सापेक्ष गति का विरोध करता है, घर्षण बल कहलाता है। पिंडो के पृष्ठ पूर्णत चिकने नहीं होते हैं। जब इनको उच्च क्षमता के सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जाता है तब इनके खुदरापन होता है तथा कई स्थानों पर अनियमिताएं होती है।
जब एक सतह को दूसरी सतह के उपर रखा जाता है तो अणुओं के समूह एक दूसरे को दबाते है तथा अनियमितताएं एक दूसरे में फंस जाती है। जिससे एक प्रकार की अतप्त बेल्डिंग हो जाती है। यह स्थिति अंतर परमाण्विक बलो के कारण उत्पन होती है। जब एक सतह पर फिसलती है तब अणुओं के मध्य बने बंधो को तोड़ने में आवश्यक बल घर्षण बल कहलाता है।
मान लीजिये कि आप किसी चीज़ को धीरे से धक्का देते हैं और वो आगे नहीं बढ़ती है ! अब इसका मतलब ये है कि कोई बल है जो उस चीज़ और वो जिस चीज़ पर रखा है उसके बीच काम कर रहा है !
वो बल दोनों वस्तुओं के बीच गति (आपेक्षिक गति) का विरोध कर रहा है ! अब यही बल जो है वो घर्षण बल कहलाता है ! ध्यान रखने वाली बात ये है कि इस बल की दिशा हमेशा ही गति के विपरीत यानि उल्टी तरफ होती है !
घर्षण बल का उदाहरण
Example of Friction Force In Hindi
मान लीजिए एक मेज है जिसके ऊपर कोई वस्तु (जैसे किताब) रखी है। यदि हम वस्तु को किसी वेग से धक्का दें, तो वस्तु कुछ दूर चलने के बाद रुक जाएगी या विरामावस्था में आ जाएगी। तो ध्यान देने वाली बात यह है कि वस्तु क्यों रुकी।
चूंकि हम जानते हैं कि किसी भी गतिशील वस्तु को रोकने के लिए एक बाह्य बल की आवश्यकता होती है अतः इस प्रकार स्पष्ट होता है कि वस्तु तथा मेज के संपर्क तलों के बीच एक बल कार्यरत है जो इनकी गति का विरोध करता है। इस बल को ही घर्षण बल कहते हैं।
घर्षण (Friction) बल होता ही क्यूँ है
आप सतहों को ध्यान से देखिये उन पर कहीं ना कहीं या तो छोटे छोटे गड्डे होते हैं या फिर सतह ऊंची नीची होती है जिसकी वजह से कोई भी चीज़ उस पर ठीक से गति नहीं कर पाती !
तो इससे पता चलता है कि घर्षण बल का कारण कहीं ना कहीं सतह का खुरदरा होना है लेकिन चिकनी सतहों पर भी घर्षण बल होता है अब इसका क्या कारण हो सकता है ?
ध्यान दीजिये जब भी दो अणुओं के बीच बहुत कम दूरी रह जाती है (हर चीज़ अणुओं से ही बनी है) तो उनके बीच में एक आकर्षण बल काम करता है जो दोनों को एक दूसरे की तरफ खींचता है और ये बल गति का विरोध करता है,
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घर्षण बल के प्रकार
Type of friction force in Hindi
घर्षण बल दो प्रकार के होते हैं-
(1) गतिज घर्षण बल
(2) स्थैतिक घर्षण बल
गतिक घर्षण बल
Dynamic Friction Force In Hindi
जब दो वस्तुओं के बीच परस्पर गति होती है तो इन वस्तुओं के बीच एक बल आरोपित हो जाता है जिसे गतिक घर्षण बल (dynamic friction force in Hindi) कहते हैं। अर्थात्
“दो वस्तुओं के बीच उनकी गति के कारण उत्पन्न बल को गति घर्षण बल कहते हैं। इसे fk द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।”
fk=µkR
जहां µk एक नियतांक है जिसे गतिक घर्षण गुणांक कहते हैं।
स्थैतिक घर्षण बल
Static Friction Force In Hindi
जब दो वस्तुएं एक-दूसरे के सम्पर्क में होती हैं तो लेकिन उनके बीच कोई गति नहीं होती है अर्थात वह विरामावस्था में होती हैं तो इन वस्तुओं के बीच आरोपित बल को स्थैतिक घर्षण बल (static friction force in Hindi) कहते हैं। अर्थात्
“दो वस्तुओं के बीच उनकी विरामावस्था के कारण उत्पन्न बल को स्थैतिक घर्षण बल कहते हैं। इसे fs से प्रदर्शित करते हैं।
fs=µsR
जहां µs एक नियतांक है जिसे स्थैतिक घर्षण गुणांक कहते हैं।
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घर्षण के नियम
Laws of friction in Hindi
- घर्षण बल सदैव गतिशील वस्तुओं पर उनकी गति की दिशा के विपरीत आरोपित होता है।
- जब दो वस्तुएं परस्पर एक-दूसरे के संपर्क में होती है तो उनके बीच घर्षण बल, अभिलंब प्रतिक्रिया R के अनुक्रमानुपाती होता है।
- घर्षण बल संपर्क में रखी वस्तुओं के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है।
- घर्षण बल सदैव संपर्क में रखी वस्तुओं के बीच उनकी गति का विरोध करता है।
घर्षण गुणांक
Friction Coefficient In Hindi
घर्षण नियम से स्पष्ट होता है कि घर्षण बल f अभिलंब प्रतिक्रिया R के अनुक्रमानुपाती होता है। तो
f ∝ R
या f = µR
जहां µ एक नियतांक है जिसे घर्षण गुणांक कहते हैं। तो
µ=f/R
घर्षण गुणांक एक विमाहीन एवं मात्रकहीन राशि है।
लोटनिक घर्षण
Rolling Friction In Hindi
किसी भी वस्तु को दूसरी वस्तु के पृष्ठ पर सरकाने की अपेक्षा लुढ़काना अधिक आसान है। अर्थात् एक पिंड किसी दूसरे पिंड के तल पर लुढ़कता है। तो दोनों पिंडों के संपर्क तलो के बीच एक बल आरोपित हो जाता है जिसे लोटनिक घर्षण (rolling friction) कहते हैं।
तरल घर्षण
Liquid Friction In Hindi
जब द्रव को किसी बर्तन में लेकर तेजी से घुमाया जाता है तो द्रव कुछ समय घूमने के पश्चात रुक जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि द्रव की विभिन्न परतों के मध्य एक बल कार्य करता है जो द्रव की गति का विरोध करता है। इसे तरल घर्षण कहते हैं।
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सीमांत घर्षण
Marginal friction in Hindi
- सीमांत घर्षण बल fL दोनों सतहों मध्य लगने वाले अभिलंब प्रतिक्रिया बल (N) के समानूपाती होता है।
- वस्तु पर सीमांत घर्षण बल सदैव वस्तु की गति करने की चेष्टा करने के विपरीत दिशा में होती है।
- सीमांत घर्षण बल स्पर्श करने वाली सतहों के आभासी क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है, जब तक कि संपर्क वाली दो वस्तुओं कि अभिलम्बवत प्रतिक्रिया समान रहै।
- यह संपर्क सतहों के पदार्थ एवं उनके चिकनेपन या खुदरेपन पर निर्भर करता है।
- इसका मान अन्य प्रकार के घर्षण बलों से अधिक होता है।
घर्षण बल की विशेषताएं
Features of friction force in Hindi
- घर्षण बल के कारण ही हम इस धरती पर चल पाते हैं आपने देखा होगा कि चिकनी सड़क या केले के छिलके से मनुष्य गिर जाते हैं। क्योंकि चिकनी सतह पर घर्षण बल कम होता है।
- किन्ही दो सतहो के बीच घर्षण बल उनके संपर्क क्षेत्र पर निर्भर नहीं करता है यह सतहो की प्रकृति पर निर्भर करता हैं।
- घर्षण बल संपर्क में रखी दो वस्तुओं पर उनकी गति का विरोध करता है।
- ठोस-ठोस में घर्षण सबसे अधिक एवं द्रव-द्रव में ठोसों से कम तथा गैस-गैस के मध्य घर्षण सबसे कम या शून्य होता है.
घर्षण के लाभ
Advantage of Firiction in Hindi
घर्षण के लाभ (Advantage of firiction) निम्न लिखित है :-
- घर्षण बल हमे पृथ्वी की सतह पर चलने में सहायता करता है। घर्षण की अनुपस्थिति में हम सतह पर चलने के बारे में सोच भी नहीं सकते है।
- कागज की सतह व पेन के शीर्ष के मध्य gharshan बल हमें लिखने में सहायता करता है। तेलीय अथवा चिकने पृष्ठ पर लिखना मुश्किल होता है क्योंकि वहां घर्षण का अभाव होता है।
- वाहन के पहियों व सड़क के मध्य घर्षण बल वाहन को रोकने में सहायता करता है, जब उस पर ब्रेक लगाए जाते है। Gharshan के अभाव में वाहन पर ब्रेक लगाने से, वाहन सड़क पर फिसल जाएगा।
- पहिए की परिधि पर घूमता हुआ पट्टा घर्षण के कारण पहिए पर बना रहता है।
- एक चाक व श्यामपट्ट के मध्य घर्षण बल ही श्यामपट्ट पर लिखने में सहायक होता है।
घर्षण बल से हानि
Loss from friction in Hindi
- मशीनों में घर्षण के कारण ऊर्जा का अपव्यय होता है और टूट-फूट अधिक होती है।
- मशीनों के पुजों के बीच अत्यधिक घर्षण से काफी ऊष्मा पैदा होती है और मशीन को क्षति पहुँचती है।
यदि घर्षण (Friction) बल ना हो तो ?
- आप सीधे नहीं खड़े रह पाएंगे, फिसल फिसल कर गिरते रहेंगे !
- सड़क पर गाडियाँ नहीं चल पाएँगी !
घर्षण बल से कोई नुकसान भी है क्या
एक बड़ा नुकसान ये है कि जो भी मशीनें होती है या गाडियाँ होती है, मशीनों के तो कल पुर्जे घिस जाते हैं तो ये एक नुकसान है और गाड़ियों के टायर !
पर अगर ये नुकसान बचाने गए तो कोई काम ही नहीं हो पाएगा।
घर्षण बल को कम किया जा सकता है क्या
हाँ इसे कम किया जा सकता है इसके लिए आप ये दो काम कर सकते हैं
- आपने देखा होगा अक्सर कार और मोटर साइकल में एक इंजन Oil डाला जाता है उसे हिन्दी में स्नेहक और अँग्रेजी में Lubricant कहते हैं वास्तव में ये इंजन में चिकनाई लाकर घर्षण को कम कर देता है ! अगर ये इंजन में ना डाला जाये तो इंजन जाम हो जाता है !
- दूसरा आपको पता ही होगा कि जो बॉल बियरिंग है उससे जितनी भी घूमने वाली मशीनें हैं उनमें प्रयोग करके घर्षण को कम किया जाता है।
तो आपको यह पोस्ट घर्षण बल क्या होता है परिभाषा प्रकार इससे लाभ और हानि (Friction in Hindi) कैसा लगा कमेंट मे जरूर बताए और इस पोस्ट को लोगो के साथ शेयर भी जरूर करे…
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